भारतीय-संविधान:-संविधान विकास का तृतीय चरण (1919; 1935 ;1947;) 1919 का अधिनियम

भारतीय-संविधान:-संविधान विकास का तृतीय चरण (1919;1935;1947;) 

                    1919 का अधिनियम

        ✓1919 का भारतीय शासन अधिनियम माउंटेग्यू चेम्स फ़ोर्ड सुधार अधिनियम के नाम से जाना जाता है
        ✓माउंटेग्यू तत्कालीन समय में भारत के सचिव तथा चेम्स फोर्ड भारत के तत्कालीन वायसराय और गवर्नर जनरल थे
         ✓20 अगस्त 1917 में ब्रिटिश सरकार ने यह घोषणा की वह भारत में उत्तरदाई सरकार की स्थापना करेंगे ;
         ✓इस अधिनियम में प्रांतों में द्वैध शासन की स्थापना की गई
    ✓प्रांतीय विषयों को दो भागों में विभाजित कर दिया गया आरक्षित व
हस्तांतरित  विषय!
         ✓इस अधिनियम में प्रांतों में आंशिक रूप से उत्तरदाई शासन की व्यवस्था की गई द्वैध शासन सबसे पहले 1 अप्रैल 1921 को 8 राज्यों (बंगाल, बिहार, असम, सयुंक्त प्रांत ;मध्यप्रांत; पंजाब; मुंबई ;मद्रास )में लागू किया गया
          ✓केंद्रीय विधानमंडल में पहली बार दो सदनों की व्यवस्था की गई !
निम्न सदन ( केंद्रीय विधान सभा )और उच्च सदन (राज्य परिषद)
        ✓1909 के अधिनियम में सामुदायिक निर्वाचन पद्धति को और अधिक बढ़ा दिया गया( ईसाई, यूरोपिय, सिक्ख, ऐंग्लो इंडियन )
        ✓समस्त विषयों केंद्रीय और प्रांतीय सूची में बांटा गया!
         ✓लंदन में भारत के उच्चायुक्त की नियुक्ति की गई वायसराय की कार्यकारी परिषद के 6 सदस्यों में भारतीयों की संख्या 1 से बढ़ाकर 3 कर दी गई !
    ✓इसके तहत लोक सेवा आयोग का गठन किया गया !
      ✓ली आयोग की सिफारिश पर 1926 मैं सिविल सेवकों की भर्ती के लिए केंद्र लोक सेवा आयोग का गठन किया गया!
        ✓राज्य विधानसभाओं को प्रथक बजट बनाने का अधिकार प्रदान किया गया!
( केंद्रीय बजट से अलग)
     ✓ 8 फरवरी 1921 को नरेश मंडल की स्थापना की गई जिसका अध्यक्ष गवर्नर जनरल होता था :
        ✓इस अधिनियम में मताधिकार में वृद्धि कर लगभग 10% जनता को मताधिकार प्रदान किया गया :
        ✓साइमन कमीशन 1919 में सवैधानिक सुधारों की समीक्षा करने और सुधार हेतु सुझाव देने के उद्देश्य से लॉर्ड इरविन 1926 31 के कार्यकाल में जॉन साइमन की अध्यक्षता में 8 नवंबर 1927 को 7 सदस्य साइमन कमीशन की नियुक्ति की गई सभी सदस्य अंग्रेज होने के कारण भारतीयों ने इसका विरोध किया :
     ✓ मई  1930 में साइमन ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की !
जिस में द्वैध शासन की समाप्ति प्रांतीय स्वायत्ता प्रदान करने मताधिकार का  विस्तार करने की सिफारिश की गई लेकिन उत्तरदायी सरकार की स्थापना को  पूर्णतया नकार दिया गया !

                                     नेहरू रिपोर्ट   :- 

           ✓भारतीय सभी सचिव लॉर्ड विर्लिंन द्वारा ब्रिटिश संसद में भारतीयों को संविधान बनाने में अक्षम बताए जाने पर सभी भारतीयों दलों द्वारा इसे चुनौती मानते हुए 1928 में मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई जिसमें सुभाष चंद्र बोस, तेगबहादुर सफ्रु, एन. एम जोशी आर. एन. जयपुर आदि थे !
     इसमें भारतीय संविधान की रूपरेखा प्रस्तुत की गई जिसमें औपनिवेशिक शासन व्यवस्था का प्रवधान था और जिसे स्वीकार नहीं किया गया

                     मेक डोनाल्ड का सामुदायिक पंचाट :-

        ✓द्वितीय गोलमेज सम्मेलन की असफलता के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड सामुदायिक निर्वाचन की व्यवस्था की और बढ़ावा दिया इसमें 11 समुदायों के लिए पृथक निर्वाचन की व्यवस्था की गई!
         ✓इस संबंध में मदन मोहन मालवीय तथा अन्य नेताओं के प्रवासी से गांधीजी और अंबेडकर के बीच 25 सितंबर 1932 की पुना  समझौता हुआ जिसे अंबेडकर ने दलित वर्ग के साथ अन्य वर्ग के निर्वाचन को स्वीकार किया

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