भारतीय-संविधान:-संविधान विकास का द्वितीय चरण ( 1858 - 1909 ) 1858 का अधिनियम

भारतीय-संविधान:-संविधान विकास का द्वितीय चरण  ( 1858  - 1909 )

              1858 का अधिनियम

✓कंपनी सम्राज्य समाप्त कर भारत का शासन सीधे ब्रिटिश साम्राट के अधीन कर दिया गया
✓सम्राट की शक्तियां का परियोग भारतमंत्री या भारत सचिव द्वारा किया जाना तय
vभारत सचिव ब्रिटिश मंत्रिमंडल का सदस्य होता था
vभारत सचिव की सदस्यता के लिए 15 सदस्ययी परिषद का गठन किया गया
✓सर  चार्ल्स वुड प्रथम भारत सचिव बने
 ✓ गवर्नर जनरल के पद का नाम बदलकर वॉयसराय एवं गवर्नर जनरल कर दिया
✓ लॉर्ड कैनिंग भारत के प्रथम वायसराय एवं गवर्नर जनरल थे
 ✓ विलय की नीति को समाप्त कर दिया गया

                           1861 का भारतीय परिषद अधिनियम


          ✓ 18 57 की क्रांति के बाद ब्रिटिश सरकार ने यह महसूस कर लिया कि भारत में शासन संचालन के लिए भारतीयों का सहयोग आवश्यक है
 इसी उद्देश्य से उन्होंने भारतीयों को शासन में भागीदार बनाने का निर्णय लिया
         ✓1861 में लॉर्ड केनिंग ने तीन भारतीयों को जिनमें बनारस के राजा पटियाला के राजा और सर दिनकर राव को विधान परिषद में मनोनीत किया;
          ✓इसमें विकेंद्रीकरण की व्यवस्था की गई अर्थार्थ 1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट में केंद्रीयकरण की व्यवस्था थी इसमें उल्टा कर दिया गया
 बंबई और मद्रास राज्यों को विधाई शक्तियां प्रदान कर दी ,
        ✓ वायसराय को आपातकालीन स्थिति में अध्यादेश जारी करने का अधिकार प्रदान किया गया और उसकी अवधि 6 माह रखी गई
✓1882 में लार्ड रिपन ने स्थानीय स्वशासन प्रारंभ किया

                         1892 का भारतीय परिषद अधिनियम

         ✓ इसमें चुनाव निर्वाचन पद्धति को आरंभ कर दिया लेकिन यह पद्धति पूर्णतया अप्रत्यक्ष थी
विधान परिषद के कार्यों में वर्दी की गई और उसे कार्यपालिका से प्रश्न करने का अधिकार प्रदान किया गया
          ✓ केंद्रीय और प्रांतीय विधान परिषदों में गैर सरकारी सदस्यों की संख्या बढ़ाई गई बहुमत अभी भी इन परिषदों में सरकारी सदस्यों का रखा गया
          ✓ इसमें संसदीय शासन और प्रतिनिधि शासन को आरंभ किया गया
         

   1909 का भारत परिषद अधिनियम( मार्ले मिंटो सुधार) अधिनियम

        ✓1812 भारतीय परिषद अधिनियम के अंतर्गत किए गए सुधारों के प्रति असंतोष लॉर्ड कर्जन की निंरकुश नीतियों भारतीयों का अपमान आर्थिक समस्या क्रांतिकारियों क्रांतिकारी आंदोलन मुसलमानों में पृथकता की भावनाऐ आदि  के कारण ब्रिटिश  सरकार 1909 में एक नया अधिनियम भारत भेजा ,

     ✓ 1906 लॉर्ड मिंटो ने एक समिति बनाई उसी के आधार पर मार्ले मिंटो सुधार अधिनियम पारित किया गया
 ✓ यह अधिनियम भारत सचिव जॉन मार्ले  वह वॉइस राय लॉर्ड मिंटो द्वितीय के नाम पर रखा गया
      ✓लॉर्ड मिंटो को  सांप्रदायिक निर्वाचन मंडल के जनक के रूप में जाना जाता है
✓सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा वॉइस राय के कार्य पालिका परिषद के प्रथम भारतीय सदस्य थे
✓बंगाल मद्रास बंबई की कार्यकारणी परिषदों की सदस्य संख्या बढ़ाकर 2 से 4 कर दी गई

                     1909 के अधिनियम के दोष

✓संप्रदाय की एवं प्रथम निर्वाचन का प्रारंभ इस अधिनियम का सबसे बड़ा दोष था
✓ मताधिकार समिति एवम वृक्षों पर आधारित था
✓स्त्रियों को मताधिकार नहीं दिया गया

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